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कल के सपने, पलकों पे अपने।
मंज़िल की कमी है,
पर चले जा रहे हैं।
अपनों की गलतियां, वक़्त के हिस्से।
पर चले जा रहे हैं।
अपनों की गलतियां, वक़्त के हिस्से।
दम-साज़ की कमी है,
पर साथ निभाए जा रहे हैं।
पर साथ निभाए जा रहे हैं।
हाथों की लकीरें, किस्मत के किस्से।
खुशियों की कमी है,
पर मुस्कुराये जा रहे हैं।
किश्तों की ज़िन्दगी, गैरों से रिश्ते।
पर मुस्कुराये जा रहे हैं।
किश्तों की ज़िन्दगी, गैरों से रिश्ते।
सांसों की कमी है,
पर जिये जा रहे हैं।
पर जिये जा रहे हैं।
4 comments:
SUperb!!!!!!!!
no new post since long
Hey Pooja, What do I say. Life happened.! :) :| :(
How have you been? How did you land up here today?
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